अंश और हीना की रुलाने वाली प्रेमकथा - कमजोर दिलवाले ना पढ़े


अंश और हीना की ये कहानी सुनकर आपकी आँखें जरूर भर आएँगी। 

Cast
अंश - प्रेमी 
हीना  - प्रेमिका 
राधिका  - अंश की दोस्त 

ये कहानी एक प्रेमकथा है।  कमजोर दिलवाले कृपया इस कहानी को ना पढ़ें। 

अंश और हीना एक दूसरे को बहुत पसंद करते थे। अंश की उम्र करीब 24 साल थी और हीना की उम्र 22 साल थी। सबसे अनोखी बात तो यह थी की दोनों ही अनाथ थे। लेकिन अनाथ आश्रम से पढाई करके दोनों ही अपने पैरों पर खड़े थे और अच्छा कमा लेते थे। एक दिन की बात है अंश अपनी एक दोस्त राधिका के घर गया था।  राधिका को एक नौकरी की जरुरत थी। उसी सिलसिले में अंश उससे मिलने गया था। उसी समय हीना का फ़ोन अंश को आया। 

हीना  - हेलो अंश ! तुमसे कुछ जरुरी बातें करनी है।  अभी कर सकती हूँ क्या ?

अंश  (फ़ोन पर ) - क्या बात है हीना ? परेशान सी लग रही हो ?

हीना  - नहीं , तुन अगर खाली हो तो बोलो !

अंश  (मजाक के मूड में ) - नहीं हीना ! अभी मैं अपनी एक बहुत अच्छी दोस्त के पास एक जरुरी काम से आया हूँ ?

हीना  - लेकिन तुमने तो कहा था की  आज तुम्हारा ऑफिस बंद रहेगा ?

अंश  ( मजाक में ) - हाँ , मेरा ऑफिस आज बंद है।  मैं अपनी दोस्त राधिका के बैडरूम में हूँ। 
( ऐसा अंश ने हीना को जलाने के लिए कहा )

हीना  (उदास होते हुए ) - ठीक है।  जब तुम खाली होना तो बोल देना।  

इतना  बोलकर  हीना  ने  फ़ोन  काट  दिया।  
अंश यह सोच रहा था की हीना ने इतनी जल्दी फ़ोन काट दिया। कहीं वो नाराज़ तो नहीं हो गयी ?

राधिका  ( अंश से ) - क्या बात है अंश ? क्या सोच रहे हो ? इतने परेशान क्यों हो गए ?

अंश  - अरे कुछ नहीं।  मुझे लगता है हीना मेरे मजाक को मन पर ले बैठी।  अच्छा राधिका मुझे अभी निकलना होगा।  मैं चलता हूँ। 


इतना कहकर अंश वहां से चला गया। वह सीधा हीना के घर जाके पंहुचा।  वहां हीना को उदास देखकर उससे बोला  की 
अंश  - " हीना मैं तो मजाक कर रहा था , तुम मन पर मत लो , मुझे माफ़ कर दो " 

हीना  - अरे तुम भी क्या बोल रहे हो ? मुझे कोई फर्क नहीं पड़ता की तुम किसके साथ कहाँ हो और क्या कर रहे हो।  बस इतना जान लो की तुम प्यार सिर्फ मुझसे ही करना। 
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 ये बात सुनकर अंश की आँखों में आंसू आ गए। 

अंश  - हीना अब हमे शादी कर लेनी चाहिए।  हमारे परिवार में कोई तो है नहीं।  फिर हम किसका इंतज़ार कर रहे हैं। 

हीना  (खुश होते हुए ) - हाँ अंश।  मैं भी तुमसे यही बात करना चाहती थी। 

कुछ ही दिनों के बाद उन दोनों ने शादी कर ली।  उनका जीवन बड़े ही ख़ुशी से चल रहा था।  शादी के तीन महीने बाद हीना pregnant हो गयी।  अपने बच्चे का दोनों बड़ी ही बेशब्री से इंतज़ार करने लगे। 
नौ महीने बाद हीना ने एक लड़के को जनम दिया। वह लड़का  मनमोहक था। 

लेकिन किस्मत सायद इनकी ये ख़ुशी बरदास नहीं हुई।  धीरे धीरे वह बच्चा चार साल का हुआ।  

18 नवम्बर 1999  की रात को हीना अपने बच्चे के साथ बैठ कर अपने पति के ऑफिस से आने का इंतज़ार कर रही थी। तभी उन्हें एक फ़ोन आया। उस फ़ोन हीना की ज़िन्दगी ही बदल दी। 

वो फ़ोन लीलावती हॉस्पिटल से था।  फ़ोन में नर्स ने कहा की आपके पति अंश खन्ना की एक एक्सीडेंट में मृत्यु हो गयी है।  आप उनकी बॉडी को लेने के लिए हॉस्पिटल आ जाईये। 

यह सुनकर हीना को दिल का दौरा पड़ गया।  किसी तरह पड़ोसियों ने हीना को भी हॉस्पिटल में भर्ती किया। भगवान् के आशीर्वाद से हीना तो बच गयी। लेकिन अंश का अंतिम संस्कार उन्हें करना ही पड़ा।  

अब हीना बिलकुल अकेली पड़ गयी थी।  लेकिन फिर वो अपने बच्चे का ख्याल रखती और उसे पढ़ाती थी। 

लेकिन यहाँ भी किस्मत को कुछ और ही मंजूर था। 

कुछ दिन बाद हीना की तबियत खराब रहने लगी।  उस समय उसका बच्चा 19 वर्ष का हो गया था। 
22 मार्च 2014 की बात है।  डॉक्टर्स ने बताया की हीना की दोनों किडनी ख़राब हो चुकी है।  और उसे बचने के लिए दो किडनी की जरुरत है।  इसका खरचा करीब 70 लाख का था।  इतना पैसा उनके पास नहीं था। 

एक दिन माँ और बेटे आपस में बात कर रहे थे। 

बेटा  - (रोते हुए ) माँ तुम मुझे छोड़ के मत जाना।  वरना मैं अकेले नहीं रह पाउँगा। 

हीना  - (रोते हुए ) नहीं बेटा , मैं तुम्हे छोड़ के कहाँ जाउंगी।  हमारा साथ जब तक होगा तबतक हमे कोई अलग नहीं कर सकता। 

लेकिन कुछ दिन बाद वो समय आ ही गया , जब हीना बिना किडनी के और ज़िंदा नहीं रह सकती थी। अचानक हीना को बहुत तेज़ दर्द हुआ  और डॉक्टर ने उसे बेहोश कर दिया। हीना  यह सोचकर आँखें बंद कर रही थी की अब उसकी आँखें दुबारा नहीं खुलेंगी।  उस समय उसके आँखों में आंसू भी थे। 

लेकिन हीना की आँखें फिर से खुली।  जब हीना की आँखें खुली तो उसे सोचा की वह ज़िंदा कैसे बच गयी।  डॉक्टर ने उसे बताया की आपके पास दोनों किडनी आ गयी है।  

हीना  - यह सब कैसे हुआ ?

डॉक्टर  - यह सब आपके बेटे के वजह से हुआ है। 

हीना  - लेकिन उसके पास इतने पैसे कहाँ से आये ? दो किडनी का इंतज़ाम उसने कहाँ से किया ?

डॉक्टर  ( दुखी शब्दों में ) - उसे किडनी की इंतज़ाम करने की ज़रूरत नहीं पड़ी।  क्यूंकि आपके बेटे ने ही आपको किडनी डोनेट की है। 

हीना  - (आश्चर्य होते हुए ) - -  क्या बोल रहे हैं आप ?

डॉक्टर  - जी हाँ।  लेकिन उसके साथ बहुत बूरा हुआ।  हम.........  उसे बचा नहीं सके ! 


यह बात सुनते ही की उसके बेटे ने उसे बचाने के लिए अपनी ही किडनी डोनेट कर दी।  और खुद ही मौत के मु में चला गया , हीना एक और दिल का दौरा पड़ा। 

हीना के पास ना तो पति था और अब बेटे को खोकर उसे बहुत ही गहरा सदमा लगा।  

पति को खोने के बाद उसे एक दिल का दौरा आ चूका था।  इस बार बेटे को खोने के बाद उसे एक  दौरा पड़ा। और इस बार हीना भी नहीं बच पायी।  उसे भी मौत ने अपने पास बुला लिया। 

क्या गजब की कहानी थी।  पहले पति ,  फिर बेटा और अंत में खुद ही चली गयी। 

ऐसा होता है इस संसार में भगवान् का बनाया  नियम।  आपको इस पोस्ट को जितना हो सके उतना शेयर करें।  और like और comment  ज़रूर करें। 

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